har subah ek taza gulab

अब कोई प्यार की पहल तो करे
ज़िन्दगी का सवाल हल तो करे

कोई सूरत हो या हो वीरानी
दिल किसी बात पर अमल तो करे

राह आगे की मिल ही जायेगी
उम्र भर की कोई टहल तो करे

शोख़ियाँ, पर वे आईने में कहाँ!
उनकी हरदम करे नक़ल, तो करे

पंखड़ी है गुलाब की बेरंग
छूके होंठों से वे ग़ज़ल तो करे