har subah ek taza gulab

यह प्यार दग़ा दे, कभी ऐसा नहीं होगा
दिल तुझको भुला दे, कभी ऐसा नहीं होगा

पाँवों की लकीरें तो मिटा देती है यह राह
राही को मिटा दे, कभी ऐसा नहीं होगा

जब तू न रहेगा तो तेरी याद रहेगी
काग़ज़ रहें सादे, कभी ऐसा नहीं होगा

देखा करेंगे राह हम उनकी तमाम उम्र
झूठे हों ये वादे, कभी ऐसा नहीं होगा

मौसम हज़ार रंग बदलता रहे, गुलाब !
वह तुझको भुला दे, कभी ऐसा नहीं होगा