jyon ki tyon dhar deeni chadariya

जीवन

जिंदगी फूल भी है, काँटा भी
ज्वार है यह कभी है भाटा भी
सारी दुनिया की है हलचल इसमें
है कभी मौत का सन्नाटा भी
यों तो मरना है ध्रुव नियति इसकी
हो अमर, जिसने इसे बाँटा भी