jyon ki tyon dhar deeni chadariya

लगन सच्ची यदि तेरे मन की
हल होती जायेंगी सभी समस्यायें जीवन की

संतों के न वचन मतिभ्रम थे
तेरे ही अनुभव क्या कम थे
क्या न कष्ट-दुख जब घनतम थे

उसने व्यथा हरण की!

जब सिर पर वह, क्यों घबराये!
चल उस पर, जो मार्ग सुझाये
तू भूले पर वह न भुलाये

सुधि ले जो क्षण-क्षण की

हो जब शेष यहाँ की पारी
डर मत, देगा वह बल भारी
जिससे दुश्चिन्तायें सारी

लय होगी बिछुड़न की

लगन सच्ची यदि तेरे मन की
हल होती जायेंगी सभी समस्यायें जीवन की