kasturi kundal base
ओ मधुपायी!
जो समय बीत चुका
वह लौटकर आनेवाला नहीं है,
तेरे हाथ में प्याला तो है,
क्या हुआ जो प्याले में हाला नहीं है!
कल्पनाओं में जीता जा
आप अपने को ही पीता जा!
ओ मधुपायी!
जो समय बीत चुका
वह लौटकर आनेवाला नहीं है,
तेरे हाथ में प्याला तो है,
क्या हुआ जो प्याले में हाला नहीं है!
कल्पनाओं में जीता जा
आप अपने को ही पीता जा!