kasturi kundal base
मैं इन चाँद, सूरज और तारों से बड़ा हूँ।
ये सब-के-सब
परवश यंत्रों की तरह
एक निर्दिष्ट घेरे में घूम रहे हैं
जब कि
मैं अपनी इच्छा से
कभी दौड़ता हूँ, कभी खड़ा हो जाता हूँ,
कभी लंबी ताने पड़ा हूँ।
मैं इन चाँद, सूरज और तारों से बड़ा हूँ।
ये सब-के-सब
परवश यंत्रों की तरह
एक निर्दिष्ट घेरे में घूम रहे हैं
जब कि
मैं अपनी इच्छा से
कभी दौड़ता हूँ, कभी खड़ा हो जाता हूँ,
कभी लंबी ताने पड़ा हूँ।