kasturi kundal base
यदि कोई मुझसे ईर्ष्या का अनुभव करता है
तो उसमें मेरा ही दोष है,
मैं बड़ा होकर भी छोटा दिख सकता था।
इसमें मेरी ही भूल है
यदि किसी को मेरी सर्जना पर आक्रोष है,
मैं स्वयं को गुमनाम रखकर भी तो
लिख सकता था।
बिना ढौंडी पीटे भी पहाड़ काटे जा सकते हैं,
प्रेम किया जा सकता है,
बिना किसीकी आँखों में चुभे भी
रौशनी दी जा सकती है,
जीवन जिया जा सकता है।