kasturi kundal base

लहर तीर पर पहुँचकर ख़ुशी से चिल्लायी, —
‘मैं जीवन की बाज़ी जीत गयी,’
तभी सागर के तल से आवाज़ आयी–
‘अब लौट भी आ,
तेरी अवधि बीत गयी!’