kasturi kundal base
ओ दाता!
मैं एक बार फिर तेरे दिये अमृत को
चखना चाहता हूँ
माना कि उसकी अंतिम बूँद तक
समाप्त हो चुकी है,
प्याले को मुँह से लगाये रखना चाहता हूँ।
ओ दाता!
मैं एक बार फिर तेरे दिये अमृत को
चखना चाहता हूँ
माना कि उसकी अंतिम बूँद तक
समाप्त हो चुकी है,
प्याले को मुँह से लगाये रखना चाहता हूँ।