kitne jivan kitni baar

मुझे भुला ही देना
मेरे इस शोकाकुल मुख का भार न मन पर लेना

यही चाँदनी रात रहेगी
यही मंद, मृदु वायु बहेगी
यही प्रीति-संदेश कहेगी

फिर वसंत की सेना

नये राग, नव सुर, नव लय में
नये प्रेम के नव परिचय में
पुनः किसी अज्ञात निलय में

सुख से नौका खेना

मुझे भुला ही देना
मेरे इस शोकाकुल मुख का भार न मन पर लेना