kuchh aur gulab
नाम यों तो सभी के बाद आया
उनको हरदम था मैं ही याद आया
आज मिल जायँ जिनको मिलना है
फिर यहाँ कौन इसके बाद आया !
कोई सीने से लगा चलते वक़्त
रात ढलने लगी तो चाँद आया
उनकी आँखों के रंग में है गुलाब
होके हर रंग से आज़ाद, आया
नाम यों तो सभी के बाद आया
उनको हरदम था मैं ही याद आया
आज मिल जायँ जिनको मिलना है
फिर यहाँ कौन इसके बाद आया !
कोई सीने से लगा चलते वक़्त
रात ढलने लगी तो चाँद आया
उनकी आँखों के रंग में है गुलाब
होके हर रंग से आज़ाद, आया