kuchh aur gulab
प्यार हुआ ऐसे तो नहीं
दिल है कहीं, नज़रें हैं कहीं
ये भी बहारें, ख़ूब कहीं
फूल खिले हैं, तुम ही नहीं
हमको कभी दर्शन तो मिले
वे भी, सुना, रहते हैं यहीं
राह किधर भी जाय, मगर
दिल तो पहुँच जाता है वहीं
चाहिए सबको गुलाब का रंग
प्यार की टीसें किसने सहीं !