kumkum ke chhinte

मुझमें और बिजलियों में होड़ लगी है,
देखें कौन पहले अपने को
शून्य में विसर्जित कर देता है,
मुझमें और नदियों में होड़ लगी है,
देखें कौन पहले अपने को
सागर में समर्पित कर देता है,
मुझमें और फूलों में होड़ लगी है,
देखें कौन पहले अपने को
सुगंध में परिवर्तित कर देता है।