mere bharat mere swadesh

जननी भारत-धरणी
षड्ऋतु-नंदित, सुर-मुनि-वंदित, त्रिभुवन-मन-हरणी
रवि-कर-चंचल, मलयज-अंचल, करुणा-मूर्ति बनी
नत- भ्रू-वर्जित, पद-तल-गर्जित, लहरें सिंह-स्वनी
विलसित-राका-कुसुम-बलाका, हरित-हरित-वर्णी
हिमगिरि-कलसी, खसित कमल-सी, शत-शत निर्झरणी
केतु तिरंगा, सित स्वर्गगा, संध्या-ज्योतिसनी
हरित शिखर पर, त्वरित बिखरकर, नभ के बीच तनी
गुंजित-वीणा, शोभासीना, वेदी पर अपनी
छवि-मधु-चर्चित, कवि-जन-अर्चित, चिर-पुराण, नवनी
जननी भारत-धरणी
षड्ऋतु-नंदित, सुर-मुनि-वंदित, त्रिभुवन-मन-हरणी

1943