मेरे भारत, मेरे स्वदेश_Mere Bharat, Mere Swadesh
- आयी हिमगिरि लाँघ लुटेरों की टोली फुफकारती
- भारत वंदना 1 – जननी जीवन-दायिनी
- भारत वंदना 2 – जननी भारत धरणी
- जागो भारतवासी – तुम्हें पुकार रहा हिमगिरि से मैं जय का विश्वासी
- प्रयाण-गीत – मुकुट नगाधिराज का
- मेरे भारत मेरे स्वदेश – तू चिर प्रशांत
- वीर-भारती – 108 दोहे
- सुप्त सिंह के मस्तक पर चूहे ने चरण चढ़ाया है
- विजय प्रभात – हिमाद्रि देख डोलते