mere geet tumhara swar ho

काया

काया को वृथा ही तुच्छ संतों ने बताया है
जो कुछ यहाँ है, इसी काया की ही माया है
साधन यही है भक्ति, मुक्ति, ज्ञान, साधना का
संतो से मिलन भी तो इसीने करवाया है