meri urdu ghazalen

तैश में है कारवाने-ज़िंदगी, मौत को जाती है लाने ज़िंदगी
भागती परछाईंयों की खोज क्या !, बेनिशानी है निशाने-ज़िंदगी

मुख़्तसर है दास्ताने – ज़िंदगी, है हवा पर ही मकाने-ज़िंदगी
कुछ हक़ीक़त का पता चलता नहीं, ज़िंदगी बस है गुमाने-ज़िंदगी

कर रहा हूँ मैं बयाने-ज़िंदगी, मौत का नग़मा जुबाने-ज़िंदगी
रात भर बुनते रहे, शब को सफा, ख़्वाब के-से ताने-बाने ज़िंदगी

जी रही है क्यों न जाने ज़िंदगी, गर्दिशे-क़िस्मत उठाने ज़िंदगी
अर्श के उस पार सकता है पहुँच, जबकि दम में कारवाने-ज़िंदगी

चंद-रोजा है गुमाने ज़िंदगी, खाक़ की सब शान-बाने ज़िंदगी
दो घड़ी की है यहाँ फस्ले-बहार, बर्क़ पर ही है मकाने-ज़िंदगी