meri urdu ghazalen

नाकाम मुहब्बत के गुमनाम फरिस्तों ने
कुछ काम किया ऐसा दुनिया ही बदल डाली
इस राह के राही की हर बात निराली थी
मंजिल भी अगर आयी, पाँवों से कुचल डाली