meri urdu ghazalen

प्यार तो दिल में कभी माना नहीं
आपने क्यों हमको पहचाना नहीं

यों तो हैं अनजान हम अपने से भी
और वैसे कोई अनजाना नहीं

यह बयां ग़ज़लों में प्यार गुलाब का
है हक़ीक़त कोई अफसाना नहीं