nupur bandhe charan
किसके साथ विहार करूँ मैं?
फूल चुन लिये पर निर्जन में किस छवि का श्रृंगार करूँ मैं ?
किसको भुज-बंधन में कसकर निज से एकाकार करूँ मैं?
किसके प्राणों में प्राणों का यह मृदु भार उतार, धरूँ मैं?
संध्या, उषा, कुसुम, खग, धरती, अंबर, किसको प्यार करूँ मैं?
झाँक रहा है कौन सभीसे जिससे आँखें चार करूँ मैं?
जी करता है, आज किसीका प्राणों से अभिसार करूँ मैं?
अर्थ-रहित-सा जीवन लेकर कब तक यों बेकार मरूँ मैं?
किसके साथ बिहार करूँ मैं ?