pankhuriyan gulab ki

ऐसी बहार फिर नहीं आयेगी मेरे बाद
कोयल भले ही कूक सुनायेगी मेरे बाद !

कुछ तो रहेगा दिल में कसकता हुआ ज़रूर
माना कि मेरी याद न आयेगी मेरे बाद

मुझसे मिला था रूप की चितवन को बाँकपन
दुनिया किसे ये रंग दिखायेगी मेरे बाद !

यह बेबसी की रात, ये बेचैनियाँ, ये ग़म
यह प्यार की जलन कहाँ जायेगी मेरे बाद !

आँखें उठाके आज न देखो गुलाब को
ख़ुशबू मगर न दूसरी भायेगी मेरे बाद