pankhuriyan gulab ki
खुलके आओ तो कोई बात बने
रुख़ मिलाओ तो कोई बात बने
हमने माना कि प्यार है हमसे
मुँह पे लाओ तो कोई बात बने
बात क्या राह में बनेगी भला !
घर पे आओ तो कोई बात बने
रात गीतों की और ऐसे तार !
सुर मिलाओ तो कोई बात बने
यों तो बातें बना रहे हैं गुलाब
तुम बनाओ तो कोई बात बने