pankhuriyan gulab ki

गीत तो ये हैं सभी उनको सुनाने के लिये
कुछ मगर हैं दिल ही दिल में गुनगुनाने के लिये

सामने नज़रों के आना उनसे बन पाता नहीं
बन गये थे सौ बहाने दिल में आने के लिये

यों तो ग़ज़लों के बहाने उनसे मिल लेते हैं हम
पर बहाना चाहिए कुछ तो बहाने के लिये

कट गयी है उम्र सारी काटते चक्कर, मगर
राह मिलती है न तेरे घर में आने के लिये

एक ही चितवन से उनकी हो गये बरबाद हम
एक चिनगारी बहुत थी घर जलाने के लिये

ज़िंदगी की रात है यह एक ही तेरी, गुलाब !
और वह भी है फ़क़त आँसू बहाने के लिये