pankhuriyan gulab ki

जब तेरा दर क़रीब होता है
हाल दिल का अजीब होता है

शाम झुकती है इन लटों की किसपर ?
कौन वह ख़ुशनसीब होता है !

आये जब ताब देखने की नहीं
ख़ूब दर्शन नसीब होता है !

दूर नज़रों से जा रहा है कोई
और दिल के क़रीब होता है

सामने उनके मुँह सिये हैं गुलाब
प्यार कितना ग़रीब होता है