pankhuriyan gulab ki
नज़र आईने से मिलाता तो होगा !
कभी वह भी घूँघट उठाता तो होगा !
नहीं मुड़के देखे इधर जानेवाला
मगर दिल में आँसू बहाता तो होगा !
जो तूफ़ान में नाव बढ़ती रही है
कोई डाँड़ इसकी चलाता तो होगा !
कोई क्यों लगाता है फेरे यहाँ के
कभी यह ख़याल उसको आता तो होगा !
गुलाब ! अपनी रंगीनियाँ पाके तुझमें
कभी दिल कोई झूम जाता तो होगा !