pankhuriyan gulab ki
फूल काँटों के संग अच्छा है
उनको भाये जो रंग, अच्छा है
देखकर हमको मुँह फिरा बैठे
प्यार करने का ढंग अच्छा है
हम भी क्या याद करेंगे दिल में !
आ गये दिल से तंग, अच्छा है
उनपे रोने का कुछ असर तो हुआ
हँस पड़े– ‘जलतरंग अच्छा है’
ख़ून अपना बहा रहे हैं गुलाब
लोग कहते हैं– ‘रंग अच्छा है’