ret par chamakti maniyan

सागर की क्षारता-हरण करने को निकली गंगा
क्या अपने प्रयास में निष्फल कही जायगी !
किसी ऊँचे लक्ष्य पर बलिदान हो जाना ही बड़ी बात है
सागर मधुर मत हो,
धरती तो सदैव उससे नया जीवन पायेगी।