sita vanvaas

वन में राजसभा उठ आयी
बाल्मीकि-मुनि के आश्रम में छटा अवध की छायी

आये गुरु सँग प्रभु चिंतित-मन
सचिव, सभासद, परिजन, पुरजन
मातायें, बहुएँ, बेसुध बन

आये तीनों भाई

राजा जनक प्रिया सँग आये
मारुति अंगद को थे लाये
मुनियों ने तप के फल पाये

कर सब की पहुनाई

युगल कुलों के परम सनेही
गाधि-पुत्र आये, सुनते ही
कर विवाह की स्मृति वैदेही

मन-ही-मन सकुचायी

वन में राजसभा उठ आयी
बाल्मीकि-मुनि के आश्रम में छटा अवध की छायी