tilak kare raghuveer

मुझे भी अपना दास बनाओ
देखूँ जिधर, तुम्हें ही देखूँ , ऐसी लगन लगाओ

दिखो निखिल भू-व्योम-निलय में
नयन मुँदे तो दिखो ह्रदय में
मेरे जीवन की हर लय में

अपनी तान मिलाओ

जिस पर मुनियों ने मन टेका
वह रस, राग, रूप अनदेखा
वह अदृश्य चरणों की रेखा

मुझको भी दिखलाओ

क्षुद्र अहं का घेरा टूटे
कण-कण से रस-निर्झर फूटे
वह बल दो, जिस क्षण तन छूटे

मुझे विहँसता पाओ

मुझे भी अपना दास बनाओ
देखूँ जिधर, तुम्हें ही देखूँ , ऐसी लगन लगाओ