vyakti ban kar aa

मैं कविता से गद्य पर उतर आया हूँ—
यही तो आपको कहना है!
यह सच है, परंतु मैंने समझ-बूझकर ही
यह सादा लिबास पहना है;
कभी तो उनकी तरह भी दिखूँ
जिनके बीच मुझे रहना है।