भावों का राजकुमार_Bhavon Ka Rajkumar

  1. अँधेरा 
  2. अम्बर तक जय-घोष छा रहा 
  3. अकेलेपन का सफ़र 
  4. अपूर्ण प्रेम 
  5. आईने से बातचीत 
  6. आज हिमालय के शिखरों पर 
  7. उमरखैयाम 
  8. मिट्टी का आँगन – एक कुम्हार बाला के प्रति
  9. कश्मीर -हर कहीं अमृतमयी धारा है 
  10. क्या करूँ ! 
  11. कौन ! 
  12. घृणा, विद्वेष जड़ता के – जवाहरलाल नेहरु के निधन पर 
  13. जागो भारतवासी – तुम्हें पुकार रहा हिमगिरी से
  14. जोश मलीहाबादी-दिल तो रंगों का खजाना
  15. टूटा पत्ता
  16. पतझड़
  17. छिप गया अचानक ज्योति-पुंज – पद्मभूषण श्री सीताराम सेकसरिया के निधन पर
  18. परशुराम का पश्चात्ताप
  19. पराधीनता निशा कट गयी – प्रथम स्वाधीनता-दिवस के अवसर पर
  20. मुकुट नगाधिराज का – प्रयाण-गीत 
  21. किसने पिघले हुए अनल को – १९६५ के पाकिस्तानी आक्रमण पर
  22. पूरब-पश्चिम दोनों दिशी से – १९६५ के पाकिस्तानी आक्रमण पर
  23. पानी बरस कर खुल गया
  24. बदरीनाथ के पथ पर
  25. जन-मन नायक – बिहार हिंदी साहित्य सम्मलेन के अवसर पर
  26. बेढब जी – वाणी में बहक घोलनेवाले  
  27. जय हो, हे हिंदी-उद्धारक! – भारतरत्न श्री पुरुषोत्तमदास टंडन के प्रति
  28. भावों के राजकुमार
  29. मरघट के फूल
  30. माँझी से
  31. माँ की याद
  32. जब अपनी तुलना – मानस-चतुश्शती की सन्निधि में
  33. मेरे भारत, नेरे स्वदेश
  34. हम उन्हें नदी के तीर – मेरे साहित्य-गुरु बेढ़बजी के निधन पर
  35. दो सुत प्यारे – रामनवमी
  36. मृत्युदंड सुनते ही – वंदी
  37. सत्य-अहिंसा शस्त्र न छूटे
  38. सबल की न धनवान की
  39. सीता-वनवास – था राम को वनवास
  40. सैनिक से – तुम रुकते तो रुक जाता है
  41. हमने बचपन से चीनी के
  42. हरिद्वार की गंगा के किनारे
  43. हवा और पानी सी धरती