antah salila
जीवन का क्षण-क्षण नाच रहा
नभ में घन, जलनिधि में जलकण, धरती का तृण-तृण नाच रहा
तृण-तरु-नर्तित शत-वर्ण सुमन
है सुमन-सुमन में अलि-गुंजन
गुंजन में गति, गति में तड़पन
तड़पन में यौवन नाच रहा
यौवन में शत-शत आशायें
आशाओं में अभिलाषायें
अभिलाषाओं में क्या पायें?
केवल सूनापन नाच रहा
इस सूनेपन में मैं केवल
मुझमें मेरी सत्ता का बल
सत्ता में शाश्वतता का छल
छल में बेसुधपन नाच रहा
जीवन का क्षण-क्षण नाच रहा
नभ में घन, जलनिधि में जलकण, धरती का तृण-तृण नाच रहा