bikhare phool
साथ भी सदा न हम रह पायें
पर यह संभव नहीं, प्यार के ये दिन कभी भुलायें
तार जुड़ा जो मन से मन का
क्या उस पर बस चले मरण का!
सुन लेंगे सुर यही मिलन का
जब भी राग मिलायें
जो न भावना से हो रीता
भूले कब जीवन जो बीता
कैसे शांति उसे दे गीता
जब स्मृतियाँ तड़पायें !
मोह यदपि है दुख का कारण
पर चेतन इससे ही चेतन
अंतर क्या अन्यथा चिरंतन
रहें कि हम मिट जायें !
साथ भी सदा न हम रह पायें
पर यह संभव नहीं, प्यार के ये दिन कभी भुलायें
1995