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Gulab Khandelwal
Indian Poet and writer.
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बिखरे फूल_Bikhare Phool

  1. अब ये फूल फूल रस-भीने 
  2. उठ उठ कर अतीत के तल से 
  3. उड़कर फिर अतीत में जायें 
  4. एक दिन वासंती संध्या में 
  5. कभी सपनों में ही मिल जाते 
  6. कैसे कह दूँ-‘था संयोग’ 
  7. कैसे मोल करूँ उस क्षण का 
  8. ग़ज़ल कहो या गीत 
  9. चैती 
  10. जीवन फिर से भी यदि पाऊँ 
  11. नहीं है नया हमारा प्यार 
  12. मुझे जग लगता सपने जैसा
  13. सभी कुछ थी इस मन की माया 
  14. साथ भी सदा न हम रह पायें 
  15. होली-गीत
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