boonde jo moti ban gayee
मुझे स्वीकार मत करना
अंतिम सांस तक
अंतिम घड़ी तक,
मुझे स्वीकार मत करना।
हृदय फट ही क्यों न जाय!
धुरी अपनी छोड़ से धरती,
आकाश उलट ही क्यों न जाय!
पर तुम प्यार मत करना।
हम में से कोई कुछ भी नहीं कहे,
जैसे सब-कुछ ढँका-ढँका है अपने बीच,
अंत तक वैसा ही रहे;
आँसू उधार मत करना।
नमकमिले होठों से चूमकर
गीतों को मेरे दुहरा तो लेना अकेले में,
पर उन्हें झूम-झूमकर
गले का हार मत करना
मुझे स्वीकार मत करना