ek chandrabimb thahra huwa

शक्ति, समृद्धि और कीर्ति
तीनों ही मेंरे लिए व्यर्थ हैं,
तेरे प्रेमभरे संकेत ही
अब मुझे निरंतर गतिशील रखने में समर्थ हैं।