ek chandrabimb thahra huwa

सारी रात आरकेस्ट्रा की धुन पर
नृत्य चलता रहा।
हर बार जब वह नाचने को उठी
तो उसके चरणों में वही चपलता
और आँखों में वही मस्ती थी,
केवल नृत्य का साथी बदलता रहा।