har subah ek taza gulab
प्यार का रंग हज़ारों से अलग होता है
यह इशारा कभी यारों से अलग होता है
यों तो रहती है हरेक फूल की रंगत में बहार
फूल का रंग बहारों से अलग होता है
दिल हरेक चाँद-सी सूरत पे मचलता है, मगर
कोई इन चाँद-सितारों से अलग होता है
है धुआँ आज नदी पर, जलाके नाव अपनी
दिलजला कौन किनारों से अलग होता है !
वे न देखें तुझे, यह बात है कुछ और, गुलाब !
वर्ना यह रंग हज़ारों से अलग होता है