kuchh aur gulab
ठुमरी-सी भैरवी की ख़ुमारी शराब की
दिल में है उनकी याद कि ख़ुशबू गुलाब की
हम तो हरेक सवाल पे देते रहे हैं जान
अब क्यों रहे किसीको शिक़ायत जवाब की !
कहते हैं लोग– ‘आपके दिल में है हमसे प्यार’
हम भी तो देखते कभी तड़पें जनाब की !
उड़ने लगा है क्यों भला चेहरे का उनके रंग !
दुहरा रहे थे हम तो कहानी किताब की
हर एक नज़र के साथ महकते हैं सौ गुलाब
की बात जो भी आपने वह लाजवाब की