kuchh aur gulab
प्यार पर आँच न आये मेरे जाने के बाद
कोई आँसू न बहाये, मेरे जाने के बाद
यह समझना कि मिले थे न कभी हम दोनों
रंग आँखों में ये छाये मेरे जाने के बाद
फिर नये ढंग से जूड़े को सजाकर आना
हाथ मेहँदी से रचाये, मेरे जाने के बाद
मैं किसी और की नज़रों से देख लूँगा तुम्हें
फूल जब होंगे पराये, मेरे जाने के बाद
रात क्यों सुरमई आँखों में खिल उठे थे गुलाब
कोई यह जान न पाये, मेरे जाने के बाद