nao sindhu mein chhodi
पास-पास ही रहिए
लहरें बहुत तेज हैं, पकड़े हाथ, साथ ही बहिए
काल-जलधि हुंकार रहा है
पल-पल ठोकर मार रहा है
अब तक इसका ज्वार रहा है
अब भाटे को सहिए
जाने कौन कहाँ अब जाये!
बिछड़े हुए न फिर मिल पाये
तट पर सब को हाथ उठाये
राम-राम बस कहिए
पास-पास ही रहिए
लहरें बहुत तेज़ हैं, पकड़े हाथ, साथ ही बहिए