pankhuriyan gulab ki
हमको पानी ही पिलाया है, कोई बात नहीं
कुछ नशा ऐसे भी आया है, कोई बात नहीं
ज़िंदगी है कि हरेक हाल में कट जाती है
आपने दिल से भुलाया है, कोई बात नहीं
आपको याद हमारी भी तो आयी होगी
नाम मुँह पर नहीं आया है, कोई बात नहीं
हमको ख़ुशबू तो उन आँखों की मिली है हरदम
प्यार अगर मिल नहीं पाया है, कोई बात नहीं
उनके नाख़ून कटाने की है चर्चा घर-घर
हमने सर भी जो कटाया है, कोई बात नहीं !
फिर बहार आयेगी, फिर बाग़ में फूलेंगे गुलाब
जी तो ऐसे ही भर आया है, कोई बात नहीं