pankhuriyan gulab ki
दिल में ये प्यार के वहम क्या हैं !
तू ही बतला कि तेरे हम क्या हैं
जब न कोई लगाव है हमसे
ये इशारे क़दम-क़दम क्या हैं !
क्या करें, दिल किसी पे जो आ जाय !
जानते हम भी, ये भरम क्या हैं
उनके वादों पे जिये जाते हैं
ये भी एहसान उनके कम क्या हैं !
उनके रंगों में मिल गये हैं गुलाब
अब किसे क्या बतायें, हम क्या हैं !