ravindranath:Hindi ke darpan me

कुटुंबिता

केरोसिन-शिखा बोले, ‘माटिर प्रदीप,
भाई बोले डाको यदि देबो गला टीप ।’
हेनकाले गगनेते उठिलेन चाँदा
केरोसिन बोलि उठे, एशो मोर दादा

कुटुंबिता

लालटेन बोली, ‘सुन रे, मिट्टी के प्रदीप !
बहन यदि कहा मुझे, दूँगी गला टीप’
इसी क्षण चाँद उगा ज्योति-शर लिये देख उसे बोली, ‘दादाजी ! पधारिए