ret par chamakti maniyan

जीवन महान है,
परंतु एक ऐसी वस्तु है
जो जीवन से भी बड़ी है,
प्राणों से भी अधिक मूल्यवान है।
उसीके कारण हमारे होने का अर्थ है,
वह नहीं हो तो सब कुछ यांत्रिकता है,
सब कुछ निरर्थ है।
वही हमारी अस्मिता को
इस भौतिक सृष्टि से भिन्‍न ठहराती है,
पंचतत्वों को हमारा दास बना देती है,
हमें चाँद-सूरज से आगे ले जाती है।