ret par chamakti maniyan

बाग में एक स्थान पर बैठकर
सिर क्यों धुनूँगा!
जहाँ जो भी सुंदर फूल दिखाई देगा,
दौड़कर उसे चुनूँगा।
जिसने देखने को आँखें
और समझने को सुमति दी है
उसीने पाँवों में गति दी है,
सामने यह सुंदर प्रकृति दी है