ret par chamakti maniyan

मस्तक पर छत्र और किरीट धारण कर लेने से ही
क्या इतिहास में आपकी पद-रेखा भी अँकने लगेगी !
हाथ में तलवार की मूठ पकड़ लेने से ही
क्या आपकी आँखों से वीरता भी टपकने लगेगी!
भगवा वस्त्र तो सहज ही लपेटा जा सकता है
पर क्या उससे संत का हृदय भी आपको मिल जायगा!
अपने चारों ओर पुस्तकों का पहाड़ लगा लेने से ही
क्‍या आपकी जीभ पर सरस्वती थिरकने लगेगी।