ret par chamakti maniyan
हरित तृण चरते बलि-पशु के लिए
मृत्यु क्या अर्थ रखती है!
उसकी अज्ञता, अंत तक उसे
सुख से जीने में समर्थ रखती है।
क्या ही अच्छा होता
यदि हमारे लिए भी कोई सदैव ऐसी व्यवस्था कर देता!
बिना कुछ बताये,
हमारे प्याले में जहर घोलकर धर देता।