sau gulab khile
दिल की तड़पन देखिए, दुनिया की ठोकर देखिए
दो घड़ी तो रहके इन आँखों के अन्दर देखिए
हैं बिछी पलकें हमारी हर अदा पर आपकी
आप भी इस ओर थोड़ा मुस्कुराकर देखिए
एक-से हैं अब हमें, बरसा करें पत्थर कि फूल
ज़िंदगी यह हमको लायी है कहाँ पर, देखिए
हमको सूरज-सा कभी देखा था उठते आपने
अब हमारे डूब जाने का भी मंज़र देखिए
फिर न लौटेंगे कभी इस बाग़ से जाकर गुलाब
देखना है उनको जितना आज जी भर देखिए