vyakti ban kar aa
तूने मुझे फूल दिये,
और मैंने माला गूँथकर तुझे पहना दी।
तूने मुझे अनगढ़ शिलायें दीं,
और मैंने उनसे तेरी रंगबिरंगी मूर्तियाँ बना दीं।
जो कुछ मैंने तुझसे पाया है,
ब्याजसहित तुझे ही लौटाया है;
शब्द तो तूने दिये, सच है, किंतु
मैंने उनसे तेरा ही गुण गाया है।